रिपोर्ट छत्रपाल सिंह जालौन
ससुराली जनों पर सख्त कार्रवाई की मांग
मृतका के परिजनों का कहना है कि दहेज के लिए उनकी बेटी को ससुराल वालों ने प्रताड़ित किया और अंततः उसकी हत्या कर दी गई। इस अमानवीय कृत्य के खिलाफ परिजनों ने दोषी ससुराली जनों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मु० नया भवानीराम (लौना रोड़) कस्वा व थाना जालौन जनपद जालौन का निवासी है। प्रार्थी की पुत्री विनीता का विवाह लगभग 9 वर्ष पूर्व सिद्धार्थ उर्फ राजवीर पुत्र दुर्गा प्रसाद नि० ग्राम मकरन्दपुरा थाना जालौन जनपद जालौन के साथ सम्पन्न हुई थी। प्रार्थी की पुत्री के ससुरालीजन पति सिद्धार्थ उर्फ राजवीर, ससुर दुर्गा प्रसाद पुत्र गोरेलाल, सास राम खिलौनी पत्नी दुर्गा प्रसाद, जेठ उदयवीर पुत्र दुर्गा प्रसाद व जेठानी कल्पना पत्नी उदयवीर निवासीगण ग्राम मकरन्दपुरा थाना जालौन जनपद जालौन दहेज के रूप में एक सोने की जंजीर व 50,000/-रु० की माग को लेकर विनीता के साथ क्रूरता पूर्ण बर्ताव किया करते थे। तथा मारपीट कर गालियों व धमकियों देकर उसे तरह-तरह से शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया करते थे जिस पर विनीता ने सन् 2023 में उक्त लोगो के विरूद्ध दहेज उत्पीड़न के वाबत एक परिवाद माननीय जे०एम० जालौन के न्यायालय में दायर किया था परन्तु उक्त लोगो द्वारा भविष्य में दहेज न मागने व उत्पीडन न करने के आश्वासन पर राजीनामा हो गया था। इसके पूर्व सन् 2021 में भी विनीता द्वारा उक्त लोगो के
विरूद्ध कार्यवाही की गयी थी। परन्तु उसमें भी राजीनामा हो गया था।
दिनांक 07.04.2025 को जब मेरी पुत्री विनीता आठ माह की गर्भवती थी, तब उपरोक्त दोनों व्यक्तियों द्वारा उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई थी और उसे जान से मार डालने की धमकी भी दी गई थी। इस सम्बन्ध में कोतवाली जालौन में एन०सी०आर संख्या 68/25 धारा 115(2), 351(2) भा.दं.वि. के अन्तर्गत दर्ज करायी गयी थी। पुलिस की अभिरक्षा में विनीता का चिकित्सीय परीक्षण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जालौन में कराया गया, जिसमें उसके शरीर पर गंभीर चोटें पाई गई थीं। इन चोटों के कारण उसके शरीर में इन्फेक्शन फैल गया, जिससे पूरे शरीर में सूजन आ गई थी।
उपरोक्त आरोपित लोग विनीता की मृत्यु की साजिश रच रहे थे ताकि सिद्धार्थ उर्फ राजवीर दूसरा विवाह कर सके।
फिर, दिनांक 12.05.2025 को प्रसव पीड़ा के समय भी उपरोक्त आरोपियों ने जानबूझकर उसके इलाज और देखभाल में लापरवाही की, जिससे उसकी स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई। तब उसे मेडिकल कॉलेज, झाँसी ले जाया गया, जहाँ उसने एक पुत्र को जन्म दिया, परंतु दुर्भाग्यवश विनीता की मृत्यु हो गई।
यदि समय रहते इलाज एवं उचित देखरेख की जाती और पूर्व में मारपीट न की गई होती, तो मेरी पुत्री की जान बच सकती थी। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि मेरी पुत्री की गैर-इरादतन हत्या की गई है, जो कि दण्डनीय अपराध है।
1. उसके दामाद, सिद्धार्थ उर्फ राजवीर, भविष्य में दूसरी शादी करेगा जिससे नवजात शिशु की उपेक्षा/तिरस्कार होने की आशंका है।
2. उक्त व्यक्ति (दामाद या उसके परिजन) ने आश्वासन दिया था कि वे नवजात शिशु के नाम कृषि भूमि करेंगे, लेकिन अब वे इससे मुकर गए हैं।
3. इन आधारों पर प्रार्थी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने की मांग की गई है, और संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध दण्डात्मक कानूनी कार्यवाही की बात की जा रही है।
शाक्यसंदेश न्यूज जालौन