फिर एक बार उपेक्षा की शिकार हुईं राज्य महिला आयोग की सदस्य, कहा – मुख्यमंत्री से करूंगी शिकायत
महिला जनसुनवाई में नहीं पहुंचे अफसर, आक्रोशित होकर छोड़ा कार्यक्रम
उरई (जालौन)।
राज्य महिला आयोग की सदस्य अर्चना पटेल एक बार फिर जिला प्रशासन की लापरवाही और उपेक्षा का शिकार हो गईं। शनिवार को जब वे महिला जनसुनवाई कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उरई स्थित सर्किट हाउस पहुंचीं, तो न तो कोई अधिकारी वहां मौजूद था और न ही कोई महिला फरियादी। इससे नाराज़ होकर उन्होंने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया और कहा कि वे इस पूरे मामले की मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगी।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब अर्चना पटेल के साथ ऐसा हुआ है। इससे पहले भी इसी माह एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें घंटों इंतजार करने के बावजूद पीने तक का पानी नहीं दिया गया था। उस समय का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था।
किसी अधिकारी ने नहीं दी तवज्जो
28 जून को निर्धारित इस जनसुनवाई कार्यक्रम के लिए अर्चना पटेल ललितपुर से उरई पहुंचीं थीं। लेकिन कार्यक्रम को लेकर न तो कोई जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद था और न ही कोई व्यवस्था की गई थी। जब उन्होंने अधिकारियों को फोन किया तो सभी ने जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डाल दी।
जब उन्होंने जनसुनवाई के लिए विकास भवन या कलेक्ट्रेट सभागार की मांग की तो उन्हें बताया गया कि दोनों सभागार पहले से बुक हैं। जबकि बाद में जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय से बात करने पर उन्होंने दोनों सभागारों के खाली होने की पुष्टि की और जनसुनवाई कराने की बात कही।
“मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की योजना को अधिकारी पलीता लगा रहे हैं”
अर्चना पटेल ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार महिलाओं की समस्याओं को लेकर गंभीर है, लेकिन स्थानीय प्रशासन उनकी योजनाओं को पलीता लगा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम पहले 25 जून को निर्धारित था, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते इसे 28 जून को किया गया। बावजूद इसके किसी अधिकारी ने उपस्थिति नहीं दर्ज कराई।
कठोर कार्रवाई की मांग
अर्चना पटेल ने कहा कि वे पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष को भेजेंगी और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करेंगी।
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रिपोर्ट: भूप सिंह
जिला संवाददाता, उरई
Shakya News, जालौन